Friday, 13 May 2016

दोसती


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साहिल रोज़ की तरह आज भी जल्दी सो कर उठा। लोग उसके बारे में अच्छी तरह जानते थे। वह एक बोहोत ही मेहनती लड़का था। क्लास में हमेशा पहले नंबर पर आता। सब से अच्छी तरह बात करता। और अब तो साहिल जवान हो चूका था। उसने अपना दाखिला कॉलेज में ले लिया था। तो वह वक़्त के हिसाब से जल्दी उठता और कॉलेज पोहोंच जाता।

हमेशा की तरह आज भी साहिल जल्दी उठा। रासते में एक पेड़ के पास जाकर खड़ा हो गया। यह पेड़ कॉलेज के रस्ते में पड़ता था। पता नहीं वह उस पेड़ से किया बातें करता। पर ऐसा लगता था के यह पेड़ उसका दोस्त हो। एक जिगरी दोस्त। साहिल उससे घंटो बातें करता।उस पेड़ से अपनी सारी बातें शेयर करता। कभी उसके सामने रोता और कभी हँसता। लेकिन भला पेड़ तो पेड़ है वह कभी जवाब न देता।

इसी तरह वक़्त गुज़रता रहा पर साहिल ने अपनी बातें कभी ख़त्म नहीं की। वह वक़्त पर उस पेड़ के पास ज़रूर आता और अपनी सारी बातें सुनाता। लोग अब साहिल को आशिक़ और दीवाना कहने लगे। भला इतना क़ाबिल लड़का ये क्या करता है - एक पेड़ से बातें। पर उस पेड़ की दीवानगी ने साहिल को एक मज़बूत इंसान बन दिया था। साहिल लोगों के हक़ के लियें लड़ता। वह मज़लूमो को बताता के डरो मत में तुम्हारे साथ हु-आओ और ज़ुल्म के खिलाफ आवाज़ उठाओ।वह ग़रीबों का मसीहा बन चूका था। उसकी शोहरत दूर दूर तक फैलने लगी। 
लेकिन साहिल का पागलपन भी वक़्त के साथ बढ़ता रहा। अब वह पेड़ की डालियों को पकड़ कर हिलाता उनसे कहता के मेरा जवाब दो। वह पेड़ के आगे गिड़गिड़ाता। पेड़ के पत्तों को खींचता और कहता मेरा जवाब दो। ना जाने साहिल के दिल में क्या था। क्या उसे समझ नहीं आता होगा कि वह एक पेड़ से बात करता है। लेकिन समझ आने के बावजूद भी वह एक पेड़ से जवाब मांगता।

हर सुबह साहिल एक नयी उम्मीद लेकर उठता। वह सोचता के शायद आज पेड़ उसकी बातों का ज़रूर जवाब देगा।

आखिर एक सवेरा हुआ। आज हवाएं भी कुछ अलग सी चल रही थीं। आज मौसम बोहोत सुहाना था। आज परिंदे भी कुछ अलग गा गा कर उड़ रहे थे। ऐसा लगता था मानो आज ही पहला सवेरा हुआ हो। साहिल के दोस्त पेड़ के सामने आज भीड़ लग रही थी। आज उस पेड़ ने जवाब दिया था। आज उसकी हर टहनी पर साहिल लिखा हुआ था। आज उसकी हर शाख साहिल  पुकार रही थी। हमेशा की तरह उस पेड़ पर फूल तो थे मगर आज उन पर साहिल का नाम लिखा हुआ था। दूर से देखो तो ऐसा लगता था के पेड़ ने ही अपने आप को साहिल में बदल लिया हो।

लेकिन बोहोत देर हो चुकी थी। साहिल ज़िन्दगी के सामने हार गया। आज उसकी मौत आई थी। लोगों की भीड़ पेड़ के सामने इसलिए थी क्युकी आज साहिल को वहां दफ़नाया  जा रहा था। 
पर दोस्तों साहिल हारा नहीं उसने मरकर भी लोगों को बता दिया कि
वह हमेशा ज़िंदा रहेगा क्युकी आज उसकी बातें पेड़ को समझ आ गई थीं।  

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